Best Winter Quotes
- इस बार ठंड कानों में इतना कह गयी, कि गर्मी सबकी उतार दी मैंने !
- खयालों का कोहरा यादों की धुंध चाय की चुस्की और थोड़े-थोड़े तुम !
- इंसानियत के धागे कुछ कम पड रहे है.. मेरे शहर में कुछ गरीब सर्द में ठिठुर रहे है..!
- म्हे गुजरते दिसंबर के धुंध का वास्ता चले आओ मिलने महबूब तुम्हे रब का वास्ता !
- अक्सर रोते हैं हम तेरी यादों में, रजाई का सहारा लेकर इन सर्द रातों में !
- तेरे साथ सर्दियों में रात दिन गुजारना चाहता हूं
- र रोते हैं हम तेरी यादों में, रजाई का सहारा लेकर इन सर्द रातों में।
- कभी बेपनाह…. तो कभी गुम सी है, ये सर्दी भी.. कुछ – कुछ तुम सी है !!
- मुझे छोड़ कर तो इतनी दूर ना जा भुला दे सब गलतियों को इस सर्दी में और अब तो लौट के आजा
- शीत लहर ये शायद, तारों को छू आई होगी, बादलों की चादर उन्होंने, इसीलिए मंगवाई होगी!
बदन ठंडा सा पड़ रहा है सांस थम सी गयी है
इस सर्दी के मौसम में शायरी जम सी गयी है
ये मीठी धुप और कोहरे की शाम है,
ये कडकडाती सर्दी सनम तेरे नाम है!
ओये मेरी जान….
अपने दिल में रख लो न हमें,
कमबख्त बाहर ठंड बहुत है!
दो प्रेमी एक कम्बल, ufffffff प्यार मुकम्मल!
पूरी दुनियां नफरतों से जल रही है,
फिर भी न जानें कैसे ठंड लग रही है!
न छोड़ जाना किसी को, न तोडना किसी का दिल,
सर्दियों की चोट,अक्सर ज्यादा तकलीफ देती है!
उनकी मोहब्बत पर कभी शक न करना,
जो इतना सर्द में छत पर जा कर आपसे बात करता हो!
दिसम्बर भी खास होता,
अगर महबूब पास होता!
ये सर्दियों का मौसम कुछ इस तरह मनाया जाये,
चलो कुछ अधूरी ख्वाहिशों को जलाया जाये!
गर्मी लगे तो खुद से अलग हो के सो गए,
सर्दी लगी तो खुद को दोबारा पहन लिया!
इश्क की तासीर न पूछो हमसे,
हमें शर्दी में भी गर्मी हुवा करती है!
ठण्ड में एक अलग ही लत लग जाती है,
धुप की गर्मी, आग की तपन बहुत बहती है!
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Top Winter Quotes in hindi
- आज धुंध बहुत है शहर में, क़ाश ! वो मुझसे टकरा जाये !!
- Iss Sard Mausam Mein Kambal Ki Tarah Ho Tum, Tumhe Gale Lagate Hi Sukoon Milta Hai!
- लिखता रहूंगा तेरे बारे में इन सर्दियों में भी क्योंकि यादें अभी मीटि नहीं है
- सर्दी के मौसम का मजा अलग सा है !! रात में रजाई का मजा अलग सा है !
- सर्दी का ये सुहाना मौसम, और तुम्हारे हाथों से बनी गरम चाय, आये हाये !!
- सर्दी का सबसे बड़ा फायदा, गर्मी नहीं लगती है !
- ठिठुर रहा है बदन साँस थम सी गई है आज सर्दी बहुत है शायरी जम सी गई है !!
- इश्क़ की तासीर न पूछो हमसे !! हमें सर्दी में भी गर्मी हुआ करती है !!
- इस कड़कड़ाती ठंड में चाय पास हो सर्दी होगी दूर जब साथ में रजाई हो…!!
- अमीर तो खूब ऐश में है गरीब के यहां अभी तंगहाली है सूरज भैया थोड़ी तपिश बढ़ा दो सर्दी का कहर अभी जारी है..!
सारी दुनिया भुला कर रूह को मेरे संग कर दो,
मेरे धागे से बंध जाओ खुद को पतंग कर दो!
अब ये सर्दी चाय से नहीं जाने वाली,
अब की बार तुम्हें करीब आना होगा!
समय समय की बात है यार,
दो महीने पहले जो धुप सबको चुभती थी,
वो आज सबको अच्छी लगती है!
शर्दी में दिन सर्द मिला,
हर मौसम बेदर्द मिला!
सर्द मौसम गरम-गरम चाय
साथ तुम हो तो मज़ा आये!
होंगे कभी मुकम्मल ख्वाब,
सर्द रात मैं और आप!
तुम ठंड से कांप कर लिपट जाओगी मुझसे,
बस इसी ख्याल से ठंड बहुत पसंद है मुझे!
कुछ तो हवा भी सर्द था, कुछ था तेरा खयाल भी,
दिल को खुसी के साथ साथ होता रहा मलाल भी !
मत डुबो इतना instagram की गहराई में,
ठंड बहुत है सो जाओ रजाई में!
हे भगवन ठंड आ गई है,
मेरे दोस्तों को नहाने की हिम्मत देना!
इस सर्दी के मौसम में हम दोनों एक साथ हो,
इससे अच्छी और क्या बात हो!
इतना सर्द रातों में,
सुकून मिलता है तेरी बातों में!
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- कभी बेपनाह…. तो कभी गुम सी है, ये सर्दी भी.. कुछ – कुछ तुम सी है !!
- ठंड में जब महबूब की याद आती है, बड़े मुश्किल से ये रातें काटी जाती है !
- सर्द मौसम में बहुत याद आते हैं धुँध में लिपटे हुए वादे तेरे ।
- सर्दी और गर्मी के उज्ज नहीं चलते मौसम देख के साहब इश्क नहीं होता !
- मोहब्बत में दिल टूटे तो मिलती है तन्हाईयाँ, ठण्ड आ गयी है अब काम आने वाली है रजाईयाँ।
- दिसम्बर की सर्दी है उस के ही जैसी ज़रा सा जो छू ले बदन काँपता है !
- जो सर्दी में लगता प्यास गर्मी में उसे ही कोसता जग है
- सूरज तो सदा से वही है इंसान की जरूरतें अलग अलग हैं !
- यादों को शाल ओढ़ के आवारा-गर्दियाँ काटी हैं हम ने यूँ भी दिसम्बर की सर्दियाँ !
- ये सर्दी आप ही से खत्म होगी रज़ाई मसले का हल नहीं !
नाम में क्या रखा है,
जिसका नाम सूरज है, वो भी ठण्ड से कापता है!
मैं दिसम्बर, तू जनवरी
रिश्ता काफी नजदीक का
और दुरी साल भर की!
ऐसी सर्दी है की हाँथ पैर जैम से जाते है
ऐसे जैसे
कभी-कभी तुझे देखकर हम भी थम जाते हैं!
सर्दी पड़ने लगी है महफ़िल जमने लगी है
दोसत इकठा हुए हैं अब बोतल खुलने लगी है
जब छोड़ कर गयी वो तब सर्दी की रातें थी
मुझे आज भी रज़ाई में उसकी कमी खलती है
वो दिन आ गए जब लोग ठंड से कंपकपाने लगते है
इन सर्दियों में अक्सर दो दिल ज़्यादा करीब आने लगते हैं
कर दो प्यार का इज़हार शर्माओ मत
सर्दी के मौसम में दूर रहकर तड़पाओ मत
क्या कहा छोड़ कर जाना चाहती हो
जाओ तुम बिन भी हम जी लेंगे
इन सर्दियों में तू ना रही मेरे साथ तो
हम बोतल खोलेंगे और पी लेंगे
यह सर्दी आपके आने से ही खत्म होगी
दारू और रज़ाई हर सर्दी को दूर नहीं करते
दिसंबर की रातों में सर्दी बढ़ने लगती है
अकेले सोते हुए तेरी यादें ज़हन में चलने लगती है
समझा लेते हैं दिल को बहुत बार लेकिन
इस ठंड में तुझे पाने की इच्छा जगने लगती है
जैसे जैसे सर्दियां आने लगती है
हमें उसकी यादें सताने लगती है
सर्दी की रात थी जब छोड़ गई थी
वो बीती बातें तड़पाने लगती है
मैं तुझे हमेशा के लिए अपना बनाना चाहता हूँ
बहुत मिल लिया छुप छुप कर
अब अपनी दुल्हन बनाना चाहता हूँ
मैं इस सर्दियों में शादी कर तुझे घर लाना चाहता हूँ
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- अमीर तो खूब ऐश में है गरीब के यहां अभी तंगहाली है सूरज भैया थोड़ी तपिश बढ़ा दो सर्दी का कहर अभी जारी है..!
- बदलता वक़्त और हालत का साथ बदल जाना चाहिए !! क्यों की सर्दी में गर्मी के कपडे पहने नहीं जाते !!
- पहाड़ों पर बर्फ की चादर घाटों में हल्की ठंड !! सर्दी का मौसम आया खुशियों का वक्त आया !!
बिस्तर से जल्दी उठा नहीं जाता है
जब भी यह सर्दी का मौसम आता है
रजाई और कम्बल दिल को लुभाता है
जब यह सर्दी का दौर आता है
जब भी सर्दी का मौसम आने लगता है
हमारे दिल को यह लुभाने लगता है
जो भी मांगना चाहो मांग लो हमसे
सब तुम पर कुर्बान कर जाएंगे
बस एक मांगना ना हमसे रजाई
इस सर्दी के मौसम में यह ना कर पाएंगे
ठंडे मौसम में हमने मिलकर आग लगाई थी
जब तू मुझसे मिलने मेरे पास आई थी
ठंड में भी गर्मी का एहसास होने लगा था
जब तू कस कर आपने सीने से लगाई थी
ठंड से तड़पते जिस्म को तूने सहारा दिया था
जब सीने से लिपट तुमने प्यार का इज़हार किया था
सीने से लिपट तुमने आग लगा डाली थी
मर चुके इस जिस्म में चिंगारी जला डाली थी
तेरे साथ जीना और इस ठंड के मौसम में
तेरे हाथ कि चाय पीना, बस यही दो ख्वाब है हमारे
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