बेवफ़ा पति: Bewafa Pati Ne Patni Ko Diya Dhokha | Love Story in Hindi

Bewafa Pati ने अपनी पत्नी के साथ धोका किया और अपना बंधन किसी और से जोड़ लिया, हीरा अपनी पत्नी को अपनी दादी के पास लेकर अपने गांव लौट आया। अब हीरा को रमैया के बिना सूना घर जैसा महसूस होगा। वह चुपचाप किसी काम में लगा रहता या फोन से खेलता रहता, एक दिन हीरा ने अपने एक दोस्त को फोन किया। जैसे ही उसने ‘हैलो’ कहा, तो किसी महिला की आवाज आई, एक महिला की आवाज सुनकर हीरा कन्फ्यूज हो गया और उसने जल्दी से फोन काट दिया। थोड़ी देर बाद हीरा के मोबाइल फोन पर उसी नंबर से 4 मिस्ड कॉल आई। हीरा को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें… थोड़ी देर बाद उसने फिर उसी नंबर पर कॉल किया। बात हुई… वह नंबर उसके दोस्त का नहीं था, बल्कि किसी गलत नंबर का था। फोन उठाने वाली महिला उसी बस्ती से आगे शहर में रहती थी। उसका पति रोजी-रोटी के सिलसिले में दिल्ली में रहता था। 

बेवफ़ा पति। Bewafa pati ne patni ko diya dhokha

अपनी धर्मं पत्नी के साथ धोका: Sad Love Story in Hindi : Bewafa Pati

उस महिला का नाम प्रीति था। उनकी मधुर आवाज और बात करने का एक दिलचस्प तरीका था, रात 10 बजे से 2 बजे के बीच हीरा के फोन पर तीन मिस्ड कॉल आई। अब यह रोज की दिनचर्या हो गई। हीरा जब भी अपनी पत्नी और प्रीति के बारे में सोचती है तो उसे लगता है कि कुछ तो ठीक नही है। ऐसे में उसे खुद को संभालने में पूरा दिन लग जाता, लेकिन फिर जब रात होती, और प्रीति का मिस्ड कॉल आता, तो हीरा का दिल फिर से उस मीठी आवाज की चपेट में आकर रूई की तरह बिखर जाता।

अब वे रोज बातें करने लगे, फिर एक दिन मिलने प्लान बना। हीरा को शाम 4 बजे सिटी पार्क आने को कहा गया। हीरा समय से पहले पहुंच गया, जबकि प्रीति 15 मिनट देरी से आई, प्रीति के गोरी रंगत और दुबले-पतले शरीर के अंदाज में गजब का जोश था, कुर्ती और चूड़ीदार पाजामी में वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं। वह शिक्षित थी। दिन हफ्तों में और हफ्ते महीनों में बदल गए।

यहां उसकी पत्नी एक बेटी की मां बनी और इधर हीरा के गांव के दोस्त फिर से काम पर लौटने की तैयारी करने लगे। विदेश जाने से पहले मां ने हीरा को रमैया और बच्चे को देखने के लिए आने को कहा, 5-6 दिन के लिए हीरा ससुराल पहुंचा। रमैया का पीला और बीमार चेहरा देखकर हीरा बोर हो गया। काली और मरियल जैसी लड़की को देखकर उसके होश उड़ गए। हीरा को एक दिन में ही ससुराल से भाग जाने का मन कर रहा था। खैर, जैसे ही उसने 4 दिन बिताए और 5वें दिन वह कैदी की तरह जेल से भाग गया।

पंजाब के लिए रवाना होने से पहले, हीरा प्रीति से मिल लिया, इसलिए उसके प्यार और चेहरे की ताजगी ने उसे दुर्लभ लड़की के आतंक और अपनी पत्नी के पीले चेहरे से बाहर निकाल दिया। एक साल बीत गया। हीरा वहीं रह गया और अन्य काम भी करने लगा। अब वह प्रीति को पैसे भी भेजने लगा। इधर उसकी पत्नी सास के पास न होने के कारण मायके में ही रही। उम्र बढ़ने के साथ उसकी पत्नी और दादी का शरीर ज्यादा काम करने में असफल हो रहा था।

अपना और अपनी बेटी का पेट पालने के लिए रमैया बस्ती के बाहर 2-3 घरों में घरेलू काम करने लगी। शरीर के टूटने और उचित भोजन की कमी के कारण वह दिन-ब-दिन कमजोर और चिड़चिड़ी होने लगी। इधर, एक साल से अधिक समय के बाद हीरा जब घर वापस आया तो वह आते ही प्रीति से मिलने गया। न ही उसने अपनी पत्नी की खबर ली और न ही मां की, उसे अपनी पत्नी को घर लाने के लिए कहा, अब प्रीति भी उससे मिलने बस्ती की तरफ आ जाती। कभी बस्ती के बाहर के स्कूल में, कभी खेतों के पीछे तो कभी कहीं और मिलने का सिलसिला चलता रहा।

पोती की हालत और उसकी बढ़ती उम्र को देखकर पत्नी की दादी ने हीरा की मां को अपनी बहू घर वापस लाने के लिए कई संदेश भेजे। आखिरकार मां के कहने पर हीरा पत्नी को लेने ससुराल पहुंच गया, ससुराल में आकर पत्नी ने देखा कि हीरा या तो घर में नहीं रहता और होता भी है तो हमेशा कहीं खो जाता है या फिर अपने मोबाइल के बटन दबाता रहता है। पता नहीं क्या करता रहता है।

ऐसे में एक रात जब उसकी पत्नी जागी तो उन्हें लगा कि हीरा किसी से बात कर रहा है, आधी रात बीत चुकी थी। इस समय हीरा किससे बात कर रहा है? काफी देर तक बातें चलती रहीं। उसकी पत्नी ने कान लगाकर दीवार की ओर सुनने की कोशिश की, लेकिन वह ज्यादा कुछ समझ नहीं पाई।

दूसरे दिन, उसकी पत्नी ने हीरा का फोन लिया और पास के रतन काका के पोते के पास गया, जो छठी क्लास में पढ़ता था, और उसे सभी संदेशों को पढ़ने के लिए कहा। संदेश सुनकर उसकी पत्नी गुस्से से फूल गई। वह हीरा के पास पहुंची और उस नंबर के बारे में जानना चाहा। एक पल के लिए हीरा काँपता रहा, लेकिन अगले ही पल वह ठीक हो गया। उन्होंने कहा, “अरे पगली, मुझ पर शक है। यह मेरे साथ काम करने वाले बाई का नंबर है। वह इस बार घर नहीं आई, इसलिए उसका हालचाल पूछ रहा था।”

उसकी पत्नी चुप रही, लेकिन उसके चेहरे पर संतोष का कोई भाव नहीं था। वह हीरा और उसके मोबाइल फोन पर नजर रखने लगी। दो दिन बाद रात में उसकी पत्नी ने हीरा को प्रीति से फोन पर यह कहते हुए सुना कि कल रविवार है। स्कूल पे आओ। 2-3 दिन बाद मुझे फिर जाना है, दूसरे दिन रात करीब 12 बजे हीरा घर से निकला और प्रीति के स्कूल के पास आने का इंतजार करने लगा। कुछ ही देर में प्रीति को दूर से आते देखा।

कुछ देर तक दोनों खेतों में खड़े होकर बातें करते रहे, फिर स्कूल के अंदर आ गए। प्रीति ने थोड़ा बेचैन होकर कहा, “हम कब तक ऐसे ही मिलते रहेंगे हीरा। हमेशा डर रहता है। अब मैं तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं।” हीरा ने प्यार से कहा, “मैं भी इस बारे में सोच रहा हूं। बस एक महीने रुको … दोस्तों के साथ नहीं रख सकता … इस बार मैं जाते ही एक अलग कमरा ले लूंगा, फिर मैं आकर तुम्हें ले जाऊंगा। उसके बाद वहाँ गुपचुप मिलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

कुछ महीने बाद हीरा ने हरियाणा में अपना एक रूम लिया और प्रीति को अपने साथ ले गया, लेकिन उसकी पत्नी बहुत भोली भाली थी, उसे इस बात का पता नही चला, हीरा अपने घर आता भी तो कुछ दिन में ही वापस चला जाता, दोस्तों अपनी लाइफ में एक स्त्री के साथ ऐसा बिल्कुल भी नही करना चाहिए, ऐसा करना बहुत बड़ा पाप है, किसी के प्यार और भरोसे का गलत फायदा कभी नहीं उठाना चाहिए।

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