नई दिल्ली:
मोदी सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा के बाद से देशभर के लगभग 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि उनकी सैलरी और पेंशन में कितना इजाफा होगा। इस बीच सबसे अधिक चर्चा फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को लेकर हो रही है।
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Toggle📊 फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणक (Multiplier) है जिसके ज़रिए सरकार बेसिक सैलरी को नए ढंग से तय करती है। यही कारण है कि वेतन आयोग में यह सबसे अहम भूमिका निभाता है।
📈 2.86 फिटमेंट फैक्टर की मांग, लेकिन…
कई कर्मचारी संगठन मांग कर रहे हैं कि फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय किया जाए ताकि वेतन में अच्छी बढ़ोतरी हो सके। हालांकि पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग का कहना है कि इतनी बढ़ोतरी संभव नहीं लगती। अनुमान लगाया जा रहा है कि फिटमेंट फैक्टर 1.92 के आस-पास हो सकता है।
💰 1.92 फिटमेंट फैक्टर पर कितनी बढ़ेगी सैलरी?
अगर फिटमेंट फैक्टर 1.92 तय होता है, तो न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये तक हो सकती है। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसमें से अधिकतर हिस्सा केवल महंगाई भत्ते (DA) को एडजस्ट करने में जाएगा। असल में, सैलरी में जो वास्तविक वृद्धि होगी, वो सीमित ही रहेगी।
📅 पिछले वेतन आयोगों से तुलना
- 6वां वेतन आयोग (2006): फिटमेंट फैक्टर – 1.86, सैलरी में वृद्धि – लगभग 54%
- 7वां वेतन आयोग (2016): फिटमेंट फैक्टर – 2.57, सैलरी में वृद्धि – लगभग 14.2%
इससे साफ है कि फिटमेंट फैक्टर जितना बड़ा हो, जरूरी नहीं कि उतनी ही अधिक सैलरी बढ़े।
🏛️ सरकार की तैयारी क्या है?
सूत्रों के मुताबिक, सरकार जल्द ही 8वें वेतन आयोग के Terms of Reference (ToR) जारी करेगी, जिसके बाद अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति होगी। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी कर बताया कि आयोग में 40 पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है।
🧾 निष्कर्ष:
कर्मचारी और पेंशनर्स को अभी कुछ समय और इंतजार करना होगा जब तक सरकार फिटमेंट फैक्टर को अंतिम रूप नहीं देती। लेकिन यह तय है कि आने वाले समय में सैलरी में कुछ हद तक बढ़ोतरी जरूर देखने को मिलेगी।