Sabse Bada Rog Kya Kahenge Log | सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग

Sabse Bada Rog Kya Kahenge Log उडान से सम्बंधित सभी नियमो के अनुसार मधुमखियो मैं उड़ने की क्षमता होती ही नहीं, उनके पंख इतने छोटे हैं की वो अपने भारी शरीर का वजन उठा ही नहीं सकते इसके बावजूद भी मधुमखियाँ उडती हैं क्योकी, मधुमखियों को इस बात से कोई फरक नहीं पड़ता की कोई मनुष्य क्या सोचता हैं।

Duniya Ka Sabse Bada Rog Kya Kahenge Log: A Unique Story

इस कहावत से एक बात सामने आती हैं की मधुमख्यों को या तो किसी भी जानवर को इस बात का फर्क नहीं पड़ता की
उनके बारे मे कोई क्या सोचते हैं।

पर मनुष्य की एक यही आदत सभी समस्याओ की जड़ हैं, हमारी सोच है की लोग क्या कहेगे, लोग क्या सोचेगे, उनको क्या लगेगा, इसी सोच की वजह से हम जीवन में कुछ भी खुलकर और Confident के साथ नहीं कर पाते। क्योकी हम इन्शान कोई भी काम करने से पहले दस बार लोगे के बारे मैं सोचते हैं और अगर हम कोई काम करेगे और इसमें हम सफल नहीं हो पाये तो मेरे दोस्त, रिश्तेदार, पडोसी, मेरे पहचान-वाले मेरे बारे मे क्या सोचेगे इसी डर की वजह से हम कोई भी काम करने से डरते हैं। लेकिन जीवन मैं अगर कुछ बड़ा करना हो तो लोगो के बारे मैं सोचना छोड़ देना होगा।

आपको एक छोटी सी कहानी बताता हु…

एक दिन एक आदमी Morning Walk पे गया तभी उसने एक गली मैं एक लड़के को कचरा उठाते हुये देखा वहां के दो चार कुत्ते उस पर लगातार भोक रहे थे उस आदमी ने उस लड्के की एक बात पर गोर किया की वो भोकते हुये कुत्तो को देखकर उस लड़के के चेहरेपर न कोई डर न उस लड़के का उन कुत्तो पर कोई ध्यान था वह लड़का बस अपना कचरा उठाने के काम में लगा था।

वो लड़का वहा से दूसरी गली मैं गया वहां भी दूसरी गली के कुत्ते उसे देखकर भोकने लगे वहा पर भी उस लड़के ने कुत्तो की तरफ ध्यान न देकर अपना कचरा उठाने के काम को लगातार करता रहा। उस लड़के ने कचरा उठाकर दो-चार सौ कमा लिये और भोकने वाले भोकते रहे गये।

तो दोस्तों, अगर यहीं सोच हम हमारी जिंदगी में अपनाये तो हम कभी पिछे नहीं रहगे। और हम अपना काम लोगो की सोच को ध्यान में रखकर नहीं करेगे तो पुरे करेगे। वो कहावत हैं न  सुनो सब की करो मन की…!

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