पहली बारिश का प्यार पहला प्यार। First Love of Rain: A Short Love Story in Hindi

एक दिन काफी तेज बारीस हो रही थी। चारो तरफ सन्नाटा सा छा गया था । short love story आगे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। एक लड़की एक पेड़ के निचे खडी हो कर बस का इतेजार कर रही थी ।वो बारीस में पुरी भिग चुकी थी। लेकिन वो कडकती हुवी बिज्ज्ली से डर रही थी इस लीये वो एक कोने में खडी हो गई थी । उस वक्त एक लड़का वहाँ से गुजर रहा था। लड़की ने तुरंत उस लडके को आवाज लगाई और पास बुलाया।

Pahli Barish Mein Pehla Pyar: Short Love Story। पहली बारिश में प्यार

लड़की उस लडके को पुछती है बस कब आयेगी। तब उस लडके ने कहा बस तो अब कल ही आयेगी। लड़की मुस्कुराते हुवे बोली क्या आप भी इस समय भी मजाक कर रहे हो। लडके ने कहा जी में सच बोल रहा हु। अंधाधुन बारिस के वजह से पास मे नाला टुट गया है, इस लीये वहाँ पानी का बहाव ज्यादा होने लगा है । इस लीये सारी बस वापस घूम जा रही है।

लड़की कहती है ओ..नो.. अब में घर कैसे जाउंगी। इतनी रात को में कहा जाऊ। वो लड़की रोने लगती है। लडके ने कहा तुम्ह टेंशन मत लो मेरा घर पास में ही है में अपनी दादी मां के साथ रहता हु। कल सुबह बारिश रुक जाने के बाद तुम्ह अपनी घर चली जाना।

लड़की के पास दुसरा कोई रास्ता भी नहीं था, उस लडके की बात मान लीया और उस के साथ उसके घर चली गई। घर पहुच के लडके ने अपनी दादी मां को सारी बात बताई। दादी मां ने दोनो के लीये खाने के लीये कुछ गरम लेके आयी। लड़की सुबह होने का इन्तेजार करने लगती है। कब सुबह हो और में यहां से चली जाऊ। लेकिन ऐसा नहीं हुआ,

दुसरे दीन भी तेज़ बारीस जोर-सोर से आ रही थी चारो तरफ पानी ही पानी था। लड़की खिड़की पे खडी होकर बारिस को ठहरने के लीये कहती है। उस वक्त वहाँ पे लड़का आ जाता है। बारिस को कहता है, हे बारिस तुमने तो रो-रो के बुरा हाल कर दीया है लेकिन ये लड़की को क्यु रुला रहे हो ।

तुम बाहर रो रहे हो और ये लड़की घर में रो रही है। यह सुनके लड़की हंसने लगी। लड़की ने कहा मेरा नाम है आइशा। लडके ने कहा मेरा नाम है कृष्णा। दोनो आपस में अपने बारे में बात करने लगे बातो बातो में दोनो को पता नहीं चला कब रात हो गई। दादी मां ने आवाज लगाई चालो आ जाओ दोनों खाने के लीये। दोनो ने खाना खाने के बाद दादी मां से कहानी सुंन्ने लगे। आइशा कृष्णा के दादी के लिए प्यार देख कर वो बहुत खुश हो गई।

तिसरे दीन भी बारिस होती रही। दोनो खिड़की के पास बैठ कर बाते करते रहे। अब दोनो को एक दुसरे से लगाव सा होने लगा था। कृष्णा चाहता था की बारिस ना रुके। आइशा भी चाहती थी की बारिस ना रुके। बारिस रुक गई तो आइशा अपने घर चली जायेगी। आइशा कृष्णा को कहती है, अगर बारिस रुक गई तो क्या होगा। कृष्णा तुम यहाँ से अपने घर चली जाओगी। आइशा कहती है जाना तो मे भी नहीं चाहती,

कास यह बारिस ना रुके। आइशा और कृष्णा दोनो को एक दुसरे की मंन की बात पता चल गई थी लेकिन वो एक दुसरे से कह नहीं पा रहे थे, आइशा ने थोडी हिम्मत जुटाई और कहा, बारिस रुक गई तो मुझे तो अपने घर जाना ही होगा। यह सुन्के कृष्णा तुरंत बोला लेकिन कभी कभी तुम्ह यहाँ पे आया करोगी ना। आइशा ने कहा तुम्ह चाहो तो पुरा जिवान तुम्हारे साथ यही पे बितावुगी।

ये सुन कर लड़के के आंखो में आंसू आ गए, उसने लड़की को जोर से गले लगा लिया और कुछ देर तक ऐसे है रहा। कुछ देर बाद दोनो बारिश में बहुत भीगे, बारिश छूटने के बाद लड़की अपने घर चली गई और उन दोनो आपस में मिलते रहते थे। कुछ दिन बाद दोनो शादी कर लेते है और दोनो साथ में बोहोत खुश है, वो लड़की दादी को भी बहुत खुस रखती है।

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