रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड (15 जून 2025): चार धाम यात्रा के दौरान एक बार फिर एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना ने उत्तराखंड को हिला दिया है। Aryan Aviation का एक हेलिकॉप्टर, जो केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी जा रहा था, सुबह 5:20 बजे गौरीकुंड के पास खराब मौसम में क्रैश हो गया। इस हादसे में हेलिकॉप्टर में सवार सभी 7 लोगों (पायलट समेत 5 वयस्क और 1 बच्चा) की मौत हो गई।
40 दिनों में पांचवीं दुर्घटना
यह उत्तराखंड के चार धाम मार्ग पर 40 दिनों के भीतर पांचवां हेलिकॉप्टर हादसा है, जिसने हवाई सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। माना जा रहा है कि हेलिकॉप्टर में मिड-एयर आग लगने और खराब दृश्यता के कारण दुर्घटना हुई।
पीड़ितों का विवरण
हेलिकॉप्टर में सवार यात्री उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के थे। घटना के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन दुर्गम इलाके होने के कारण बचाव कार्य में दिक्कतें आईं।
सरकार ने उठाए कड़े कदम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताते हुए तकनीकी जांच समिति गठित की है। इसके अलावा, हेलिकॉप्टरों की सख्त जांच और मौसम की सटीक जानकारी को अनिवार्य करने वाले नए SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) बनाए जाएंगे।
चार धाम रूट पर हेलिकॉप्टर सेवा सस्पेंड
इस घटना के बाद उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने चार धाम रूट पर हेलिकॉप्टर सेवाएं तत्काल प्रभाव से रोक दी हैं।
जनता का गुस्सा और सवाल
सोशल मीडिया पर लोगों ने बार-बार हो रही हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं पर सरकार को घेरा है। कई यूजर्स ने चार धाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर ऑपरेटर्स की लापरवाही और मौसम संबंधी अलर्ट सिस्टम की कमी पर सवाल उठाए हैं।
निष्कर्ष
यह घटना उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में एविएशन सेफ्टी की गंभीर चुनौतियों को उजागर करती है। अब सरकार और रेगुलेटरी बॉडीज को हेलिकॉप्टर ऑपरेशन्स की सख्त जांच, बेहतर मौसम मॉनिटरिंग और पायलट ट्रेनिंग पर ध्यान देना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।
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