वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया.
इस बजट में करदाताओं को कोई नई छूट नहीं दी गई है. यानी इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
स्टार्टअप्स के लिए टैक्स छूट एक साल के लिए बढ़ा दी गई है.
सीतारमण ने कहा कि करीब एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं, अब तीन करोड़ को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है.
उन्होंने कहा- अगले 25 साल हमारे लिए कर्तव्य का कालखंड है.
इस बार सीतारमण ने करीब एक घंटे तक बजट भाषण पढ़ा। सीतारमण का सबसे लंबा बजट भाषण 2020 में था, जब उन्होंने दो घंटे 40 मिनट तक बजट भाषण पढ़ा था।
आगे पढ़ें: बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने क्या खास कहा?
- चार करोड़ किसानों को फसल बीमा का लाभ मिला.
- औसत वास्तविक आय में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई
- एक राष्ट्र, एक बाजार, एक कर जीएसटी के माध्यम से संभव हुआ
- भारत ने कठिन समय में जी-20 की अध्यक्षता की
- अमृतकाल में हमारी सरकार ऐसी नीतियां अपनाएगी जिससे सबका विकास होगा। हम रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के रास्ते पर चलेंगे।’
- पीएम स्वनिधि ने 78 लाख स्ट्रीट वेंडरों को ऋण सहायता प्रदान की है, जिनमें से कुल 2.3 लाख को तीसरी बार ऋण प्राप्त हुआ है
- सोलर सिस्टम वाले एक करोड़ परिवारों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली।
- सरकार ऐसी योजना लाएगी जिससे मध्यम आय वर्ग के लोग अपना घर खरीद और बना सकेंगे.
- सरकार और अधिक मेडिकल कॉलेज बनाएगी, मौजूदा अस्पतालों के बुनियादी ढांचे का उपयोग किया जाएगा
- सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 9-14 वर्ष की लड़कियों को टीका लगाया जाएगा।
- अब सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आयुष्मान भारत का लाभ मिलेगा।
- पीएम स्वनिधि ने 78 लाख स्ट्रीट वेंडरों को ऋण सहायता प्रदान की है, जिनमें से कुल 2.3 लाख को तीसरी बार ऋण प्राप्त हुआ है।
- रेलवे में हाई ट्रैफिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे, जिससे गति और सुरक्षा बढ़ेगी.
- 40 हजार रेलवे बोगियां वंदे भारत श्रेणी की बनाई जाएंगी.
- हवाई अड्डों की संख्या 10 वर्षों में दोगुनी होकर 149 हो गई है।
अपने भाषण की शुरुआत में निर्मला सीतारमण ने कहा, ”पिछले 10 साल में भारतीय अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व बदलाव आया है. 2014 में देश बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा था. सरकार ने उन चुनौतियों पर काबू पाया और संरचनात्मक सुधार किए।
निर्मला सीतारमण ने छठी बार बजट पेश किया
इससे पहले बजट को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी.
वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार का छठा बजट पेश किया.
यह अंतरिम बजट है. लोकसभा चुनाव के बाद मई में आने वाली नई सरकार आम बजट पेश करेगी.
भारत के वित्त मंत्रालय ने 10 साल के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 में अर्थव्यवस्था की विकास दर सात फीसदी रहेगी, जबकि पूरी दुनिया दो फीसदी के आसपास अटकी हुई है.
2019 में, निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के लिए पारंपरिक ब्रीफकेस को छोड़ दिया और बही-खाता अपनाया। इस बहीखाते में भाषण और अन्य दस्तावेज़ रखे जाते हैं। 2021 में जब निर्मला सीतारमण ने कोविड संक्रमण के दौरान बजट पेश किया तो वह पहला पेपरलेस बजट था.
1999 तक बजट फरवरी के आखिरी कार्य दिवस पर दोपहर 3 बजे पेश किया जाता था। जसवंत सिंह ने औपनिवेशिक भारत की इस परंपरा को बदला और 11 बजे बजट पेश करना शुरू किया.
2017 में मोदी सरकार ने 1 फरवरी को बजट पेश करने का फैसला किया था. उसी साल रेलवे बजट को आम बजट का हिस्सा बना दिया गया था.
कहा जा रहा है कि यह बजट मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड होगा.
बजट पेश होने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान किया. अंतरिम बजट में सरकार के खर्च, राजस्व, राजस्व घाटा और वित्तीय स्थिति का अनुमान लगाया जाता है.