बचपन का प्यार। Bachpan ka pyar- Romantic school love story

आकाश को चौदह साल की उम्र में ही पहला प्यार हो गया था| bachpan ka pyar आकाश उस समय आठवीं क्लास में पढ़ता था, आकाश की उम्र कम थी, लेकिन अभी मॉर्डन ज़माने में लोग इसी उम्र में प्यार कर बैठते हैं| आकाश का ये पहला प्यार उसकी क्लास में पढ़ने वाली लड़की “रिया” के साथ था| रिया अमीर घराने की लड़की थी, उम्र यही 13 साल की ही और दिखने में बड़ा ही खूबसूरत थी| रिया के पापा का प्रापर्टी डीलिंग का काम था, अच्छे पैसे वाले लोग थे| आकाश मन ही मन रिया को दिल दे बैठा था लेकिन हमेशा कहने से डरता था|

सच्चे प्यार की वो पल- Romantic Love Story in Hindi : Bachpan Ka Pyar

आकाश के पिता एक स्कूल में अध्यापक थे| उनका परिवार भी सामान्य ही था इसीलिए डर से आकाश कभी प्यार का इजहार नहीं करता था|

चलो इस प्यार के बहाने आकाश की एक गन्दी आदत सुधर गयी|

आकाश आये दिन स्कूल ना जाने के नए नए बहाने बनाता था लेकिन आज कल टाइम से तैयार होके चुपचाप स्कूल चला आता था|

माँ बाप सोचते है की मेरा बच्चा सुधर गया है लेकिन उसके बेटे का दिल तो कहीं और अटक चुका था|

समय ऐसे ही बीतता गया…लेकिन आकाश की कभी प्यार का इजहार करने की हिम्मत नहीं हुई बस चोरी छिपे ही रिया को देखा करता था|

हाँ कभी -कभी उन दोनों में बात भी होती थी लेकिन पढाई के टॉपिक पर ही.. आकाश दिल की बात ना कह पाया|

काफी समय गुजरा,,आठवीं, नौवीं अब दसवीं पास कर चुके थे लेकिन चाहत अभी भी दिल में ही दबी थी|

आज स्कूल का अंतिम दिन था| आकाश मन ही मन उदास था कि शायद अब रिया को शायद ही देख पायेगा..

क्यूंकि आकाश के पिता की इच्छा थी कि दसवीं के बाद बेटे को बड़े शहर में पढ़ाने भेजें ताकि जिंदगी में कुछ अच्छा कर सके,स्कूल लव स्टोरी इन हिंदी |

स्कूल के अंतिम दिन था सारे दोस्त एक दूसरे से प्यार से गले मिल रहे थे, साथ में अपनी यादें भी शेयर कर रहे थे|

रिया भी अपनी फ्रेंड्स के साथ काफी खुश थी आज..सब एन्जॉय कर रहे थे, मस्ती कर रहे थे मजे कर रहे थे,,

अंतिम दिन जो था लेकिन आकाश की आँखों में आंसू थे|

आकाश चुपचाप क्लास में गया और रिया के बैग से उसका स्कूल Identity Card निकाल लिया|

उस कार्ड पर रिया की प्यारी सी फोटो थी| आकाश ने सोचा कि इस फोटो को देखकर ही मैं अपने प्यार को याद किया करूंगा|

बैंक से लोन लेकर पिताजी ने आकाश को बाहर अच्छे पढ़ाई के लिए भेज दिया!

रिया के पिता ने भी किसी शहर में एक बड़ा सा मकान बना लिया और वहां शिफ्ट हो गए!

आकाश अब रिया से हमेशा के लिए जुदा हो चुका था!

सब समय अपने गति रफ्तार से बीतता गया आकाश ने अपनी पढ़ाई पूरी की और एक अच्छे बड़े कंपनी में नौकरी भी करने लगा!

अच्छी सैलरी भी थी, लेकिन जिंदगी में,

एक कमी हमेशा खलती थी- वो थी रिया!

लाख कोशिशों के बाद भी आकाश रिया से अब तक मिल नहीं पाया था

घर वालों ने आकाश की शादी एक सुन्दर लड़की से कर दी और संयोग से उस लड़की का नाम भी रिया ही था|

आकाश जब भी अपनी पत्नी को रिया नाम से पुकारता उसके दिल की धड़कन तेज हो उठती थी|

आखों के आगे रिया के बचपन की तस्वीरें सामने उभर आया करतीं थी| वह यादें, वो स्कूल की लम्हें,

पत्नी को उसने कभी इस बात का अहसास ना होने दिया था लेकिन आज भी रिया से सच्चा प्यार करता था|

एक दिन आकाश कुछ फाइल्स तलाश कर रहा था कि अचानक उसे रिया का वो बचपन का Identity Card मिल गया|

उसपर छपे रिया के प्यारे से चेहरे को देखकर आकाश भावुक हो उठा कि तभी पत्नी अंदर आ गयी और उसने भी वह फोटो देख ली|

पत्नी – ये लड़की कौन है ? जरा इसकी फोटो मुझे भी दिखाओ

आकाश– अरे कुछ नहीं, ये ऐसे ही बचपन में मेरी दोस्त थी

पत्नी – अरे ये तो मेरी फोटो है, ये मेरा बचपन का फोटो है, देखो ये लिखा है “सरस्वती कान्वेंट स्कूल” यहीं तो मैं पढ़ती थी मैं

आकाश यह सुनकर ख़ुशी से पागल सा हो गया – क्या है तुम्हारी फोटो है ? मैं इस लड़की से बचपन से बहुत प्यार करता हूँ

“रिया ने आकाश को अपनी एक पर्सनल डायरी दिखाई जिसमे रिया अपनी बोहोत सारी बचपन की फोटो लगा रखी थीं|

आकाश की पत्नी वास्तव में वही रिया थी जिसे वह बचपन से प्यार करता था|

रिया ने आकाश के आंसू पौंछे और प्यार से उसे गले लगा लिया क्यूंकि वह आज से नहीं बल्कि बचपन से ही उसका चाहने वाला था|

आकाश दुनिया का प्यार में ऐसा किस्मत वाला है जिसे ऐसा सरप्राइज मिला!!

आकाश बार बार भगवान् का शुक्रिया अदा कर रहा था!

वो कहते हैं न प्यार अगर सच्चा हो तो रंग लाती ही है ठीक वही हुआ आकाश और रिया के साथ भी!

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